क्या उम्र वाकई सिर्फ एक नंबर है? सामान्य जीवन के संदर्भ में तो इसका जवाब ‘हां’ हो सकता है, लेकिन जब बात कॉर्पोरेट दुनिया की होती है, तो यह नंबर अहमियत रखना शुरू कर देता है। 40 की उम्र तक पहुंचने वाले प्रोफेशनल्स, जो पहले विश्वसनीय, अनुभवी और नेतृत्व के लिए तैयार माने जाते थे, अब छंटनी की सबसे बड़ी मार झेल रहे हैं।
40 की उम्र चेतावनी का संकेत
आजकल कंपनियां अपनी वर्कफोर्स में कटौती या रीस्ट्रक्चरिंग पर जोर दे रही हैं, और ऐसे में 40 की उम्र के कर्मचारियों को सबसे पहले बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। बॉम्बे शेविंग कंपनी के फाउंडर और सीईओ शांतनु देशपांडे का कहना है कि अब 40 साल के प्रोफेशनल्स छंटनी की लिस्ट में पहले स्थान पर आते हैं। उन्होंने कहा कि 40 की उम्र एक चेतावनी का संकेत है, और यह बताता है कि ऐसे कर्मचारियों के लिए सबसे पहले छंटनी हो सकती है, भले ही उनके पास अनुभव और उत्पादकता का कोई कमी न हो।
40 के बाद सबसे कठिन वक्त
इस आयु वर्ग को सबसे ज्यादा वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ता है। देशपांडे के मुताबिक, 40 की उम्र के बाद कई लोग बढ़ते खर्चों के कारण परेशान होते हैं, जैसे कि होम लोन की ईएमआई, बच्चों की शिक्षा की फीस, और बुजुर्ग माता-पिता का मेडिकल खर्च। इसके अलावा, कई के पास पर्याप्त बचत या निवेश नहीं होता, जिससे वे इस मुश्किल समय में मदद पा सकें। देशपांडे ने यह भी कहा कि छंटनी का यह सबसे बुरा समय होता है, क्योंकि इस उम्र में पेशेवरों पर परिवार और व्यक्तिगत जिम्मेदारियों का दबाव होता है। ऐसे में नौकरी खोना उनके लिए न सिर्फ आर्थिक बल्कि भावनात्मक रूप से भी बहुत कठिन है।
क्यों 40 वाले प्रोफेशनल्स पर कैंची?
कुछ साल पहले तक कंपनियां अनुभव को महत्व देती थीं, लेकिन अब कंपनियों पर लागत कम करने का दबाव है। ऐसे में कंपनियां अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा देती हैं। चूंकि 40 की उम्र तक के पेशेवरों को आमतौर पर युवा कर्मचारियों की तुलना में ज्यादा वेतन मिलता है, इसलिए उनकी छंटनी की संभावना ज्यादा होती है। इसके अलावा, युवा कर्मचारी नए तकनीकी कौशल को जल्दी से सीखने में सक्षम माने जाते हैं और उन्हें सस्ते में रखा जा सकता है।
क्या कर सकते हैं 40 के प्रोफेशनल्स?
शांतनु देशपांडे ने 40 की उम्र वाले पेशेवरों को कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। उनका मानना है कि इस उम्र के पेशेवरों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग को समझने और इसे अपने काम में शामिल करने पर जोर देना चाहिए। उनका कहना है कि AI सिर्फ तकनीकी क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मार्केटिंग, HR जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भी उपयोगी हो सकता है। जो लोग नवीनतम टूल्स से अपडेट रहते हैं, उनकी नौकरी में बने रहने की संभावना ज्यादा होती है और वे जल्दी से नई नौकरी भी पा सकते हैं। साथ ही, उन्होंने अनावश्यक खर्चों में कटौती करने और अपनी बचत पर ध्यान केंद्रित करने का भी सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि अचानक नौकरी खोने की स्थिति में सेविंग्स कुछ समय के लिए आर्थिक तनाव को कम कर सकती हैं।
निष्कर्ष
कॉर्पोरेट दुनिया में उम्र का बढ़ना अब छंटनी के खतरे को भी बढ़ाता है। 40 की उम्र के बाद पेशेवरों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय हो सकता है, लेकिन अगर वे अपनी तकनीकी कौशल और खर्चों को सही दिशा में संभालें, तो इस मुश्किल दौर से उबरने में सक्षम हो सकते हैं।