सोमवार (8 दिसंबर) का कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए एक बड़ा झटका लेकर आया. तमाम सकारात्मक संकेतों, जैसे आरबीआई रेपो रेट में कटौती, बैंकों को करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए का लिक्विडिटी सपोर्ट और न्यूट्रल पॉलिसी स्टांस, के बावजूद बाजार ने तेजी की उम्मीदों को ध्वस्त कर दिया. सेंसेक्स में 800 से ज्यादा अंकों और निफ्टी में 280 से ज्यादा अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे आम निवेशकों के कुछ ही घंटों में करीब 8 लाख करोड़ रुपए डूब गए.
सेंसेक्स और निफ्टी हुए क्रैश
शेयर बाजार में आई तेज बिकवाली ने प्रमुख सूचकांकों को दिन के निचले स्तरों पर धकेल दिया:
| सूचकांक |
ओपनिंग |
शुक्रवार क्लोजिंग |
सोमवार (2 PM) |
गिरावट (लगभग) |
| सेंसेक्स |
85,624.84 |
85,712.37 |
84,969.11 |
745 अंक |
| निफ्टी |
26,159.80 |
- |
25,932.60 |
253.60 अंक |
दोपहर दो बजे, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स लगभग 745 अंकों की गिरावट के साथ 84,969.11 अंकों पर कारोबार कर रहा था, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 253.60 अंकों की गिरावट के साथ 25,932.60 अंकों पर दिखाई दिया.
गिरावट के प्रमुख कारण
जानकारों के अनुसार, बाजार में आई इस अप्रत्याशित गिरावट के पीछे ये पांच बड़े कारण जिम्मेदार थे:
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इंडिगो ने बिगाड़ा सेंटिमेंट: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो का परिचालन संकट (फ्लाइट कैंसिल होना) थम नहीं रहा है. इंडिगो के शेयरों में सोमवार को 7 फीसदी तक की बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जिसने पूरे बाजार के सेंटिमेंट को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया.
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अमेरिकी फेड बैठक से पहले सतर्कता: निवेशक 9 दिसंबर से शुरू होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दो दिवसीय बैठक से पहले बेहद सतर्क रुख अपना रहे हैं. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के देवर्ष वकील ने बताया कि निवेशक FOMC बैठक, नए महंगाई डेटा और साल के अंत में पोर्टफोलियो समायोजन से पहले सावधानी बरत रहे हैं.
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विदेशी निवेशकों की बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने बिकवाली का सिलसिला जारी रखा. शुक्रवार को उन्होंने 438.90 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे—जो शुद्ध निकासी का लगातार सातवां सत्र था. दिसंबर में FII ने ₹11,000 करोड़ से अधिक की निकासी की है.
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रुपए में गिरावट: कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और FIIs की लगातार निकासी के कारण शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 16 पैसे कमजोर होकर 90.11 पर आ गया, जिससे बाजार का मनोबल गिरा.
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कच्चे तेल में तेजी: इंटरनेशनल मार्केट में ब्रेंट क्रूड 0.13 फीसदी बढ़कर 63.83 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. कच्चे तेल की ऊंची कीमतें भारत के आयात बिल और महंगाई की चिंताओं को बढ़ाती हैं, जो बाजार में बिकवाली को जन्म देती है.
निवेशकों को भारी नुकसान
बाजार में आई इस बड़ी गिरावट के कारण आम निवेशकों को भारी नुकसान झेलना पड़ा.
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शुक्रवार को बीएसई का मार्केट कैप ₹4,70,96,826.75 करोड़ था.
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सोमवार को कारोबारी सत्र के दौरान यह घटकर ₹4,63,01,207.86 करोड़ पर आ गया.