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इन लोगों को बैंक से लोन लेने के लिए CIBIL स्कोर जरूरी नहीं, केंद्र सरकार ने किया स्पष्ट

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Posted On:Monday, August 25, 2025

बैंक से लोन लेने की योजना बना रहे लोगों के लिए एक राहत भरी खबर आई है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने लोन आवेदकों के लिए कोई न्यूनतम क्रेडिट स्कोर निर्धारित नहीं किया है। यानी पहली बार लोन लेने वालों के लिए CIBIL स्कोर या किसी अन्य क्रेडिट स्कोर का होना अनिवार्य नहीं है।

हाल ही में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने भी आरबीआई के इस रुख को दोहराते हुए बैंकों को साफ निर्देश दिया था कि अगर किसी व्यक्ति का क्रेडिट इतिहास न हो या उसका स्कोर कम हो, तब भी लोन आवेदन को बिना वजह अस्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। यह बड़ा कदम उन नए लोन आवेदकों के लिए सहायक होगा, जिनके पास क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है और जो पिछले कारणों से लोन लेने में असमर्थ थे।


वित्तमंत्री का सख्त संदेश

मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि आरबीआई ने 6 जनवरी को जारी मास्टर निर्देश में स्पष्ट कहा है कि पहली बार लोन लेने वालों के आवेदन को केवल इसलिए अस्वीकार नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि उनका कोई क्रेडिट इतिहास नहीं है। आरबीआई ने लोन के लिए कोई न्यूनतम क्रेडिट स्कोर तय नहीं किया है, जिससे बैंकों के लिए यह जरूरी हो गया है कि वे केवल क्रेडिट स्कोर पर निर्भर न रहें बल्कि आवेदकों की पूरी जांच करें।


सिबिल स्कोर क्या है?

सिबिल स्कोर एक तीन अंकों की संख्या होती है, जो 300 से 900 के बीच होती है। यह स्कोर किसी व्यक्ति की क्रेडिट योग्यता को दर्शाता है। भारत में यह स्कोर क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड, जिसे संक्षेप में CIBIL कहा जाता है, द्वारा जारी किया जाता है।

इस स्कोर का उपयोग बैंक और वित्तीय संस्थान अक्सर लोन देने से पहले आवेदक की पात्रता जांचने के लिए करते हैं। उच्च स्कोर का मतलब होता है बेहतर क्रेडिट इतिहास और बैंक द्वारा लोन मंजूर होने की संभावना अधिक होती है। वहीं, कम स्कोर होने पर लोन मिलने में दिक्कत हो सकती है।


स्कोर जरूरी नहीं, पर जांच जरूरी

हालांकि पहली बार लोन लेने वालों के लिए न्यूनतम क्रेडिट स्कोर जरूरी नहीं है, लेकिन वित्त मंत्रालय ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे आवेदकों की पूरी पृष्ठभूमि जांचें। इसमें क्रेडिट इतिहास, पिछले लेनदेन, पेंडिंग भुगतान, पहले लिए गए लोन और बट्टे खाते (डिफॉल्ट अकाउंट) की जांच शामिल है।

मंत्री पंकज चौधरी ने यह भी बताया कि क्रेडिट सूचना कंपनियां अब किसी व्यक्ति को उसकी क्रेडिट रिपोर्ट के लिए 100 रुपये तक का शुल्क ले सकती हैं, जिससे लोग अपनी क्रेडिट स्थिति के बारे में समय-समय पर जानकारी रख सकेंगे और बेहतर वित्तीय योजना बना सकेंगे।


इससे लोन लेने वालों को होगा लाभ

आरबीआई के इस फैसले से नई शुरुआत करने वाले, खासकर युवा और छोटे व्यवसायी, बैंक से लोन पाने में आसानी महसूस करेंगे। क्योंकि अक्सर नए ग्राहक जिनका कोई क्रेडिट इतिहास नहीं होता, उनके लिए लोन मिलना मुश्किल होता था। अब वे बिना क्रेडिट स्कोर के भी बैंक से लोन के लिए आवेदन कर सकेंगे।

यह कदम देश में आर्थिक समावेशन को बढ़ावा देगा और छोटे व्यवसायों तथा नए उद्यमियों को वित्तीय सहायता मिलने के रास्ते खोल देगा।


निष्कर्ष

आरबीआई का यह निर्णय वित्तीय प्रणाली में अधिक समावेशन और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब बैंक केवल क्रेडिट स्कोर पर निर्भर नहीं रहेंगे, बल्कि आवेदकों की पूरी योग्यता और वित्तीय स्थिति के आधार पर निर्णय लेंगे। इससे देश के लाखों लोग पहली बार लोन लेकर अपने सपनों को पूरा कर सकेंगे और आर्थिक प्रगति में योगदान दे सकेंगे।


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