पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार एक के बाद एक कड़े कदम उठा रही है। सिंधु जल संधि की समीक्षा और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा पर रोक के बाद अब सरकार ने भारतीय वायुसेना में बड़ा बदलाव करते हुए एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी को वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ नियुक्त किया है। यह नियुक्ति देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और आंतरिक ढांचे को चुस्त-दुरुस्त करने की दिशा में एक अहम फैसला मानी जा रही है।
एयर मार्शल तिवारी लेंगे SP धारकर की जगह
एयर मार्शल तिवारी को यह जिम्मेदारी एयर मार्शल SP धारकर के रिटायरमेंट के बाद सौंपी गई है। एयर मार्शल धारकर 40 वर्षों से अधिक समय तक सेवा देने के बाद 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनकी जगह तिवारी की नियुक्ति के आदेश पहले ही जारी कर दिए गए हैं, ताकि संक्रमणकाल बिना किसी रुकावट के पूरा हो सके।
यह बदलाव न केवल रणनीतिक रूप से अहम है, बल्कि यह वायुसेना की अगली पीढ़ी के नेतृत्व में बदलाव की भी एक शुरुआत है।
वर्तमान में तैनाती: साउथ वेस्टर्न एयर कमांड
एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी वर्तमान में साउथ वेस्टर्न एयर कमांड (SWAC) के कमांडर के रूप में गुजरात के गांधीनगर में तैनात हैं। उन्होंने 1 मई 2023 को इस पद को ग्रहण किया था और एयर मार्शल विक्रम सिंह की जगह ली थी।
इससे पहले, अक्टूबर 2021 से अप्रैल 2023 तक वे डिप्टी चीफ ऑफ एयर स्टाफ के रूप में कार्यरत रहे। इस पद पर रहते हुए उन्होंने भारतीय वायुसेना के कई अहम अभियानों और योजनाओं को नेतृत्व प्रदान किया।
शिक्षा और प्रारंभिक सैन्य जीवन
एयर मार्शल तिवारी का करियर बेहद प्रेरणादायक रहा है। वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA), पुणे से ग्रेजुएट हैं और नेशनल डिफेंस कॉलेज, नई दिल्ली के प्रेसिडेंट गोल्ड मेडलिस्ट भी हैं। उनका वायुसेना में सफर 7 जून 1986 को शुरू हुआ, जब उन्हें फाइटर स्ट्रीम में कमीशन दिया गया।
करीब 37 वर्षों के सैन्य करियर में उन्होंने वायुसेना के लिए एक से बढ़कर एक अहम योगदान दिए हैं।
बेहतरीन फ्लाइंग स्किल्स और युद्ध अनुभव
एयर मार्शल तिवारी को फाइटर जेट उड़ाने का 3600 घंटे से अधिक का अनुभव है। वे क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट भी हैं। उन्होंने भारत के सबसे आधुनिक लड़ाकू विमानों में से एक मिराज-2000 उड़ाया है।
उन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान कई युद्ध अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाई और मिशनों को लीड भी किया। यही नहीं, वे स्वदेशी लड़ाकू विमान ‘तेजस’ को उड़ाने की ट्रेनिंग ले चुके हैं, जिससे उनका तकनीकी और सामरिक कौशल भी स्पष्ट होता है।
सम्मान और उपलब्धियां
अपने उत्कृष्ट सैन्य योगदान के लिए एयर मार्शल तिवारी को कई प्रतिष्ठित सैन्य पुरस्कार मिल चुके हैं:
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2008 में उन्हें वायु सेना पदक (Vayu Sena Medal) से नवाजा गया।
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2022 में उन्हें अति विशिष्ट सेवा पदक (Ati Vishisht Seva Medal) प्रदान किया गया।
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और हाल ही में, 2025 में उन्हें देश के सर्वोच्च सैन्य सम्मानों में से एक परम विशिष्ट सेवा पदक (Param Vishisht Seva Medal) से सम्मानित किया गया।
ये सभी पुरस्कार उनकी प्रतिभा, नेतृत्व क्षमता और देश के प्रति समर्पण का प्रमाण हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा की नई दिशा
एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी की यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब देश को आतंकवाद और सीमा पार से मिल रही चुनौतियों से निपटने के लिए साहसी, अनुभवी और रणनीतिक नेतृत्व की जरूरत है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह निर्णय संदेश देता है कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है।
वाइस चीफ के रूप में एयर मार्शल तिवारी न केवल वायुसेना की रणनीति को नया आयाम देंगे, बल्कि आधुनिक युद्ध तकनीक और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी ठोस कदम उठाएंगे।
निष्कर्ष
एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी की नियुक्ति भारतीय वायुसेना के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उनका अनुभव, कौशल और नेतृत्व आने वाले समय में वायुसेना की शक्ति को और अधिक मजबूत करेगा। यह फैसला यह भी दर्शाता है कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा और सैन्य शक्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।