मुंबई, 20 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। भारत ने अपनी पहली इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण कर लिया है। ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से बुधवार को यह टेस्ट किया गया। यह मिसाइल अत्याधुनिक मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक से लैस है, जिससे इसे एक साथ कई अलग-अलग टारगेट्स पर दागा जा सकता है। इसका पहला परीक्षण अप्रैल 2012 में हुआ था। अग्नि-5 की मारक क्षमता 5000 किलोमीटर तक है, जिसकी पहुंच पाकिस्तान, चीन और तुर्किये जैसे देशों तक है। यह मिसाइल 7500 किलोग्राम तक का बंकर बस्टर वॉरहेड ले जा सकती है और जमीन में 100 मीटर की गहराई तक जाकर दुश्मन के न्यूक्लियर सिस्टम, रडार, कंट्रोल सेंटर और हथियार स्टोरेज को तबाह करने की ताकत रखती है। इसकी रफ्तार 29,401 किलोमीटर प्रति घंटे है, यानी यह मैक 24 की स्पीड से उड़ती है, जो आवाज की गति से 24 गुना ज्यादा है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित अग्नि-5 भारत की पहली और एकमात्र इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है। इसमें कैनिस्टर-आधारित लॉन्चिंग सिस्टम है, जिससे इसे आसानी से कहीं भी ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है और देश के किसी भी हिस्से में तैनात किया जा सकता है। यह मिसाइल डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जाने में सक्षम है। पारंपरिक मिसाइलों में जहां केवल एक वॉरहेड होता है, वहीं अग्नि-5 एक से ज्यादा वॉरहेड ले जा सकती है। MIRV तकनीक की वजह से यह मिसाइल एक साथ कई टारगेट्स को तबाह कर सकती है या फिर किसी एक टारगेट पर कई वॉरहेड दाग सकती है। इस क्षमता के चलते भारत की सामरिक ताकत और भी ज्यादा मजबूत हो गई है।