आईपीएल 2025 का बुधवार का दिन रोमांच और ड्रामे से भरपूर रहा। इस दिन सीजन-18 का पहला सुपर ओवर देखने को मिला, जिसमें दिल्ली कैपिटल्स ने राजस्थान रॉयल्स को रोमांचक मुकाबले में शिकस्त दी। यह मुकाबला न केवल स्कोर के लिहाज से टक्कर वाला रहा, बल्कि इसमें कुछ फैसले ऐसे भी रहे, जिन पर मैच के बाद सवाल खड़े हुए। खासकर राजस्थान के कप्तान संजू सैमसन की रणनीति को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
राजस्थान की पारी और नीतीश राणा का योगदान
राजस्थान रॉयल्स की तरफ से नीतीश राणा और यशस्वी जायसवाल ने बेहतरीन बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया। नीतीश ने 28 गेंदों पर ताबड़तोड़ 51 रन बनाए और 18वें ओवर तक क्रीज पर जमे रहे। वहीं यशस्वी जायसवाल ने भी 37 गेंदों पर 51 रनों की पारी खेली। दोनों ने टीम को एक मजबूत स्थिति में पहुंचाया।
हालांकि, जब मुकाबला टाई हुआ और सुपर ओवर का समय आया, तो राजस्थान की रणनीति पर सबकी नजरें टिक गईं।
सुपर ओवर में संजू सैमसन का फैसला बना चर्चा का विषय
सुपर ओवर में कप्तान संजू सैमसन ने बल्लेबाजी के लिए रियान पराग और शिमरोन हेटमायर को भेजा। जबकि नीतीश राणा पूरे मैच में बेहतरीन फॉर्म में नजर आ रहे थे। यहां तक कि जब एक विकेट गिरा, तब भी जायसवाल को बल्लेबाजी के लिए भेजा गया, और नीतीश को फिर से नजरअंदाज कर दिया गया।
इस फैसले से न केवल टीम को नुकसान हुआ, बल्कि सोशल मीडिया पर भी फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों ने सैमसन की रणनीति पर सवाल उठाए। कई लोगों का मानना है कि अगर फॉर्म में चल रहे नीतीश राणा को सुपर ओवर में मौका दिया गया होता, तो मैच का परिणाम कुछ और हो सकता था।
मैच के बाद नीतीश राणा का बयान
मैच के बाद की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश राणा ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने संयमित और पेशेवर अंदाज में जवाब देते हुए कहा:
‘मैनेजमेंट फैसला लेता है, कोई एक व्यक्ति नहीं। कप्तान के साथ दो अन्य सीनियर खिलाड़ी और कोच भी होते हैं। अगर शिमरोन हेटमायर ने दो छक्के लगाए होते, तो आप यह सवाल नहीं पूछते।’
नीतीश का यह बयान स्पष्ट रूप से इस बात की ओर इशारा करता है कि मैदान पर होने वाले निर्णय व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर नतीजा उनके पक्ष में होता, तो सवाल की प्रकृति अलग होती।
“एक व्यक्ति ये फैसले नहीं लेता” – नीतीश
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए नीतीश राणा ने कहा:
‘एक व्यक्ति कभी भी इस तरह के फैसले नहीं लेता। मैनेजमेंट और सहयोगी स्टाफ ऐसी चीजों पर चर्चा करने के लिए मौजूद होते हैं। अगर फैसला हमारे पक्ष में होता, तो आपका सवाल अलग होता। अगर संदीप शर्मा ने सुपर ओवर में अच्छी गेंदबाजी की होती, तो यह सवाल नहीं आता। हमने एक बड़ा शॉट कम खेला। हमने सुपर ओवर में 15 रन बनाने का टारगेट रखा था।’
यह बयान साफ करता है कि क्रिकेट में परिस्थितियों और सामूहिक सोच के आधार पर फैसले लिए जाते हैं। एक छोटी सी गलती या एक बड़ा शॉट ही मैच का नतीजा बदल सकता है।
क्या रणनीति में चूक हुई?
इस सवाल का जवाब सीधा नहीं है, लेकिन यह तय है कि नीतीश राणा की अनदेखी राजस्थान के लिए भारी पड़ी। जिस खिलाड़ी ने पूरे मैच में शानदार बल्लेबाजी की हो, उसे सुपर ओवर जैसे निर्णायक क्षण में नजरअंदाज करना शायद टीम मैनेजमेंट का जोखिम भरा कदम था। और जब यह दांव उल्टा पड़ा, तो स्वाभाविक है कि सवाल उठेंगे।
निष्कर्ष
आईपीएल 2025 का यह मुकाबला सिर्फ एक मैच नहीं था, बल्कि यह रणनीति, प्रेशर हैंडलिंग और फैसलों के असर को दर्शाने वाला उदाहरण था। दिल्ली कैपिटल्स की जीत निश्चित रूप से शानदार रही, लेकिन राजस्थान रॉयल्स के लिए यह मैच एक सीख भी छोड़ गया।
संजू सैमसन के फैसले और नीतीश राणा के संयमित जवाब ने यह साबित किया कि क्रिकेट केवल एक खेल नहीं, बल्कि सोच, अनुभव और पल-पल बदलती परिस्थितियों का खेल है।
टाइटल सुझाव:
“IPL 2025: सुपर ओवर में राजस्थान की हार पर उठे सवाल, नीतीश राणा ने तोड़ी चुप्पी”
डिस्क्रिप्शन सुझाव:
IPL 2025 में दिल्ली कैपिटल्स से मिली हार के बाद सुपर ओवर में लिए गए फैसलों पर सवाल खड़े हो गए हैं। नीतीश राणा ने कप्तान संजू सैमसन के फैसले को लेकर क्या कहा? जानिए इस लेख में।
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