द्रिक पंचांग के अनुसार, सूर्य वर्तमान में मृगशिरा नक्षत्र में गोचर कर रहे हैं, जो मंगल के स्वामित्व वाला नक्षत्र है। इस नक्षत्र में सूर्य का गोचर ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुभ माना गया है। लेकिन 22 जून 2025 की सुबह 6:28 बजे सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, जो राहु का स्वामित्व वाला नक्षत्र है।
राहु के नक्षत्र आर्द्रा में सूर्य का गोचर सामान्यतः सभी राशियों पर प्रभाव डालता है, लेकिन मिथुन, कन्या और धनु राशि के जातकों को इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी।
मिथुन राशि (Gemini)
प्रभाव:
आर्द्रा नक्षत्र मिथुन राशि में आता है, इसलिए मिथुन राशि वालों पर राहु और सूर्य के संयोजन का मानसिक अशांति और उलझन के रूप में प्रभाव पड़ेगा। राहु की छाया भ्रम, चिंता और असमंजस को बढ़ावा देती है, जिससे आपकी सोच और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। इस दौरान करियर या निवेश से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय टालना उचित होगा। पारिवारिक वातावरण भी तनावपूर्ण हो सकता है, इसलिए संवाद में संयम रखें। मानसिक शांति के लिए ध्यान और योग लाभकारी रहेगा।
उपाय:
रोज सुबह या शाम को शांत स्थान पर बैठकर ‘ॐ रां राहवे नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे राहु का नकारात्मक प्रभाव कम होगा और मानसिक शांति मिलेगी।
कन्या राशि (Virgo)
प्रभाव:
सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में गोचर के दौरान कन्या राशि के जातकों को कार्यक्षेत्र में बाधाओं और संघर्षों का सामना करना पड़ सकता है। सहकर्मियों या वरिष्ठों के साथ मतभेद बढ़ सकते हैं। मेहनत का फल अपेक्षा अनुसार न मिलना निराशा का कारण बनेगा। स्वास्थ्य के लिहाज से पेट से संबंधित परेशानियां और अनिद्रा हो सकती है। इस समय अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें और निर्णय सोच-समझकर ही लें।
उपाय:
शनिवार के दिन एक नीला फूल और कुछ काले तिल लेकर सिर के ऊपर से 7 बार घुमाएं, फिर इन्हें बहते जल या पीपल के पेड़ के नीचे प्रवाहित कर दें। इससे कार्यक्षेत्र के संघर्षों में राहत मिलेगी और स्वास्थ्य सुधरेगा।
धनु राशि (Sagittarius)
प्रभाव:
धनु राशि वालों के लिए यह गोचर निजी जीवन में तनाव और उलझनों को लेकर आ सकता है। वैवाहिक या प्रेम संबंधों में गलतफहमियां और अनावश्यक बहस हो सकती हैं। राहु के प्रभाव से अविश्वास बढ़ सकता है, जिससे रिश्तों में दूरी पैदा हो सकती है। कानूनी मामलों या विदेश यात्रा से जुड़ी कोई भी बड़ी योजना फिलहाल स्थगित करना उचित रहेगा। आध्यात्मिक गतिविधियों में मन लगाने से लाभ होगा।
उपाय:
मंगलवार या शनिवार को एक नींबू और एक नारियल लेकर सिर के ऊपर से 7 बार घुमाएं और फिर किसी बहते जल में प्रवाहित करें। इसके साथ ‘दुर्गा चालीसा’ या ‘राहु कवच’ का पाठ करें। यह उपाय राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम करने में मदद करेगा।
निष्कर्ष
22 जून 2025 से सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर अलग-अलग प्रकार से दिखेगा। जहां कुछ राशियों को मानसिक शांति और पारिवारिक सौहार्द बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है, वहीं कुछ को कार्यक्षेत्र या निजी जीवन में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इन विशेष राशियों — मिथुन, कन्या और धनु — को इस दौरान विशेष सावधानी, संयम और उपरोक्त उपायों का पालन करना चाहिए ताकि राहु-सूर्य के इस गोचर के नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सके।