अपनी बेटी को गुड टच और बैड टच के बीच का अंतर ऐसे सिखाएं

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अपनी बेटी को उनके बॉडी पार्ट्स के बारे में जरूर समझाएं। उन्हें सिखाएं कि अगर कोई उनके प्राइवेट पार्ट्स को छूने की कोशिश करे, तो उसका विरोध करें। साथ ही, यह बात माता-पिता को समझाएं।

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बच्चे को सिखाएं कि बाहर कोई भी व्यक्ति उन्हें कितनी भी प्यार से कुछ खाने को दें या अपने साथ कहीं जाने के लिए कहें, तो सीधा न बोलें। साथ ही, खुद को छूने भी न दें।

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पेरेंट्स को अपनी बेटी को समझाना चाहिए कि जब कोई व्यक्ति उन्हें टच करे, जिससे उन्हें अच्छा फील न हो और असहज महसूस करें, तो यह बैड टच होता है।

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जब कोई व्यक्ति बच्चे के सिर पर या माथे पर प्यार से टच करे, तो यह गुड टच होता है। इसके अलावा, गालों को खींचना और शाबाशी देना भी गुड टच में गिना जाता है।

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अपनी बेटी को समझाए की उन्हें किन लोगों से दूर रहना चाहिए। जैसे कोई अगर उन्हें जबरदस्ती गोद में उठाए, छूए या किस करने की कोशिश करे, तो वहां से तुरंत दूर भाग जाना चाहिए।

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अपनी छोटी बेटी की सेफ्टी के लिए उन्हें 3 से 4 साल की उम्र में गुड टच और बैड टच के बीच का अंतर जरूर सिखाएं। साथ ही, उनसे रोज कुछ देर बातचीत जरूर करें।

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कई बार कुछ गलत होने पर बेटी अपने पेरेंट्स को कुछ नहीं बताती है। ऐसे में आपको उनके बर्ताव पर ध्यान देना चाहिए। अगर आपको बेटी का व्यवहार अलग लगने लगे, तो उनके पास जरूर बैठें और उनके मन की बात जानने की कोशिश करें। अपनी बेटी को ये बातें बचपन में जरूर सिखानी चाहिए।

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