केंद्र सरकार ने दिव्यांगजनों के हित में एक ऐतिहासिक और मानवीय कदम उठाया है। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने सरकारी आवास योजनाओं में 4% आरक्षण लागू करने की घोषणा की है। यह फैसला दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम (RPwD Act), 2016 के तहत लिया गया है, जो दिव्यांगों को समान अवसर, गरिमा और भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक सशक्त पहल है।
क्या है यह फैसला और क्यों है खास?
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया है। मंत्रालय ने बताया कि अब केंद्रीय सरकारी आवास योजनाओं में दिव्यांगजनों को चार प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। यह आरक्षण सरकारी फ्लैट, हाउसिंग स्कीम और अन्य आवास योजनाओं में लागू होगा। सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि इस फैसले को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए।
RPwD Act के तहत अधिकारों की पुष्टि
डायरेक्टरेट ऑफ एस्टेट्स द्वारा इस फैसले को लेकर ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि यह निर्णय दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के अनुरूप है, जो हर दिव्यांग व्यक्ति को समानता, अवसर और गरिमामय जीवन का अधिकार देता है। सरकार की यह नीति संविधान के मूल सिद्धांतों को मजबूत करती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़ा है यह कदम
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) की शुरुआत 25 जून 2015 को हुई थी, जिसका उद्देश्य है "सभी के लिए आवास"। यह योजना EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग), LIG (निम्न आय वर्ग), MIG (मध्यम आय वर्ग) और झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिए चलाई जा रही है। अब दिव्यांगजनों को भी इस योजना में समान अवसर मिलेंगे।
समावेशी भारत की दिशा में एक बड़ा कदम
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि,
"दिव्यांगजनों को अब केवल सहानुभूति नहीं, बल्कि सम्मान और भागीदारी की आवश्यकता है। उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में समान अवसर देना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है।"
यह फैसला दिव्यांगजनों की सामाजिक, आर्थिक और आवासीय सुरक्षा को मजबूती देता है। इसके जरिए उन्हें न केवल एक स्थायी और सुरक्षित घर मिलेगा, बल्कि वे राष्ट्रीय विकास की मुख्यधारा में भी शामिल हो सकेंगे।
निष्कर्ष:
केंद्र सरकार का यह फैसला न केवल नीतिगत बदलाव है, बल्कि यह एक संवेदनशील और समावेशी भारत के निर्माण की दिशा में एक ठोस पहल है। दिव्यांगजनों को अब न केवल अपने अधिकार मिलेंगे, बल्कि वे सम्मानजनक जीवन जीने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ सकेंगे। यह निर्णय एक्सेसिबल इंडिया मिशन के सपने को साकार करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।