उत्तर प्रदेश में शहरों और कस्बों के नाम बदलने का सिलसिला लगातार जारी है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक और ऐतिहासिक घोषणा करते हुए लखीमपुर खीरी जिले के मुस्तफाबाद का नाम बदलने का ऐलान किया है। अब यह क्षेत्र ‘कबीरधाम’ के नाम से जाना जाएगा। इस घोषणा के साथ ही प्रदेश में धार्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में योगी सरकार ने एक और कदम बढ़ाया है।
कबीरधाम में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे सीएम योगी
सीएम योगी सोमवार को लखीमपुर खीरी के मुस्तफाबाद स्थित कबीरधाम आश्रम में पहुंचे, जहां उन्होंने संत असंग देव महाराज के तीन दिवसीय प्रकटोत्सव कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने संत परंपरा, संस्कृति और संत समाज के योगदान पर प्रकाश डाला। मंच से बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह भूमि संत कबीरदास की विचारधारा से प्रेरित है, जो समानता, मानवता और सत्य के संदेश को आगे बढ़ाती है। योगी ने कहा, “संत कबीर ने समाज को अंधविश्वास, जात-पात और भेदभाव से ऊपर उठने का संदेश दिया था। ऐसे में इस पावन स्थान का नाम ‘कबीरधाम’ करना हम सबके लिए गर्व की बात है। यह सिर्फ नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना के पुनर्जागरण का प्रतीक है।”
नाम बदलने पर स्थानीय जनता में उत्साह
मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद इलाके में खुशी का माहौल देखने को मिला। स्थानीय लोग लंबे समय से इस स्थान का नाम ‘कबीरधाम’ रखने की मांग कर रहे थे। कार्यक्रम में मौजूद संत समाज और श्रद्धालुओं ने जयघोष के साथ मुख्यमंत्री का स्वागत किया और कहा कि यह निर्णय आध्यात्मिक दृष्टि से ऐतिहासिक है। संत असंग देव महाराज के अनुयायियों ने कहा कि यह कदम संत परंपरा को सम्मान देने वाला है। अब यह क्षेत्र आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र बनेगा, जिससे आसपास के इलाकों को आर्थिक रूप से भी लाभ मिलेगा।
सीएम ने बताई सरकार की उपलब्धियां
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का भी विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आज नई दिशा में आगे बढ़ रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर, कानून-व्यवस्था, शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है। योगी ने कहा, “देश कभी पहचान खो चुका था, लेकिन वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपनी पहचान वापस पाई है। आज भारत वैश्विक मंच पर मजबूत स्थिति में है और जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि “आने वाले समय में अमेरिका, चीन और भारत यही तीन अर्थव्यवस्थाएं विश्व की धुरी बनेंगी।”
सांस्कृतिक विरासत को मिल रहा नया जीवन
सीएम योगी की सरकार लंबे समय से धार्मिक स्थलों, तीर्थ स्थानों और ऐतिहासिक नगरों के पुराने नामों को पुनः स्थापित करने पर काम कर रही है। इससे पहले इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज और फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किया जा चुका है। इसी नीति के तहत अब मुस्तफाबाद का नाम ‘कबीरधाम’ रखा गया है। सरकार का कहना है कि यह निर्णय केवल धार्मिक आधार पर नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पहचान को सशक्त बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “हमारी कोशिश है कि उत्तर प्रदेश को उसकी प्राचीन गौरवशाली पहचान फिर से दिलाई जाए, जहां संतों और ऋषियों की परंपरा आज भी जीवित है।”
सामाजिक सद्भाव का संदेश
योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि संत कबीर का संदेश आज भी समाज के लिए प्रासंगिक है। उन्होंने कहा, “कबीरदास जी ने कहा था— ‘साधु ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय। सार-सार को गहि रहे, थोथा देई उड़ाय।’ आज जरूरत है कि समाज ऐसे आदर्शों को अपनाए जो भेदभाव मिटाकर एकता का संदेश दें।” उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सामाजिक सौहार्द, स्वच्छता और राष्ट्र निर्माण में योगदान दें। मुख्यमंत्री ने यह भी भरोसा दिलाया कि प्रदेश सरकार संत समाज के कल्याण और धार्मिक स्थलों के विकास के लिए निरंतर कार्य करती रहेगी।