मुंबई, 20 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और उनकी पत्नी सुनीता द्विवेदी ने मृत्यु के बाद अंगदान करने का संकल्प लिया है। उन्होंने यह फैसला बुधवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान लिया। इस मौके पर आर्मी चीफ ने कहा कि सेना का कर्तव्य देश और समाज की भलाई को सर्वोपरि रखना है और अंगदान इसके लिए एक अहम कदम है। उन्होंने कहा कि यदि हम अंगदान करते हैं तो यह समाज के लिए संदेश होगा कि एक सच्चा सैनिक मृत्यु के बाद भी मानवता की सेवा में खड़ा रहता है। जनरल द्विवेदी ने बताया कि भारत अंग प्रत्यारोपण के मामले में दुनिया में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। हर साल देश में करीब 20 हजार ऑर्गन ट्रांसप्लांट होते हैं। उन्होंने कहा कि नेशनल ऑर्गन डोनेशन और एलोकेशन प्रोग्राम में सुधार किए गए हैं, जिसके तहत महिला मरीजों और डोनर के परिवार के सदस्यों को अंग मिलने में प्राथमिकता दी जाएगी। यह कदम अंगदान को प्रोत्साहित करेगा।
आर्मी चीफ ने युवाओं और सेना के अधिकारियों से भी अपील की कि वे अंगदान का संकल्प लें और इसे एक राष्ट्रीय अभियान में बदलें। गौरतलब है कि दुनियाभर में हर साल 13 अगस्त को 'वर्ल्ड ऑर्गन डोनेशन डे' मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य अंगदान के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करना है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में हर साल लाखों मरीज ऐसे होते हैं जिन्हें लिवर, किडनी, हार्ट या आंखों जैसे अंगों की जरूरत होती है, लेकिन डोनर की कमी के कारण कई जिंदगियां समय पर नहीं बच पातीं। जबकि एक ब्रेन डेड व्यक्ति के अंग करीब आठ लोगों को नई जिंदगी दे सकते हैं।