मुंबई, 04 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है, जिसके चलते प्रदेशभर में 119 से ज्यादा अस्पतालों और फार्मेसी स्टोरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इन पर योजना के तहत फर्जी बिलिंग, रिकॉर्ड में गड़बड़ी और अन्य गंभीर खामियों के आरोप लगे हैं। कार्रवाई के तहत इन संस्थानों की आईडी फिलहाल अस्थायी रूप से ब्लॉक कर दी गई हैं और उन्हें आरजीएचएस योजना से बाहर कर दिया गया है। इस सूची में जयपुर के भी 10 अस्पताल और कई फार्मेसी स्टोर शामिल हैं। वित्त विभाग के प्रमुख सचिव नवीन जैन ने जानकारी दी कि जांच के दौरान इन अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स में गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं। अब इन संस्थानों को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगा, जिसके बाद आवश्यकतानुसार पेनल्टी भी लगाई जा सकती है। अगर आरोप गंभीर साबित हुए, तो इन्हें स्थायी रूप से योजना से बाहर कर दिया जाएगा। फिलहाल प्रदेश के अन्य अस्पतालों और फार्मेसी स्टोरों की जांच भी लगातार जारी है।
जयपुर में आरजीएचएस योजना के अंतर्गत जिन 10 अस्पतालों को निलंबित किया गया है, उनमें ओम हॉस्पिटल, वैशाली हॉस्पिटल एंड सर्जिकल रिसर्च सेंटर, मानस हॉस्पिटल, द उर्मिल चेस्ट एंड जनरल हॉस्पिटल, दीपशिया मेडिकेयर, रुक्मणी बिरला हॉस्पिटल, आयुविक हेल्थ केयर, अमर जैन हॉस्पिटल, श्री राम पंचकर्म सेंटर और मेट्रो मास आरोग्य सदन हार्ट केयर एंड मल्टी स्पेशिलिटी हॉस्पिटल शामिल हैं। इसके अलावा जयपुर में जिन फार्मेसी स्टोर्स को योजना से निलंबित किया गया है, उनमें मेडिसिन हाउस, श्री गोविंद मेडिकल एंड प्रोविजन स्टोर, सी के मेडिकल एंड आयुर्वेदिक स्टोर, कंफेड बंबईवाला आयुर्वेद, बीएनके सहकारी हेलसेल उपभोक्ता भंडार और बसंत मेडिसिन कॉर्नर के नाम प्रमुख हैं। राज्य में फिलहाल आरजीएचएस योजना के अंतर्गत कुल 1717 अस्पताल और 4862 फार्मेसी स्टोर पंजीकृत हैं, लेकिन इस हालिया खुलासे के बाद योजना की पारदर्शिता और निगरानी व्यवस्था को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।