मुंबई, 24 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सोमवार को एअर इंडिया की लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट से मुंबई आने वाली फ्लाइट AI 130 में सफर के दौरान पांच यात्रियों और दो क्रू मेंबर्स ने चक्कर आने और उल्टी की शिकायत की। एयरलाइन ने बताया कि विमान के मुंबई में सुरक्षित लैंड करने पर पहले से तैनात मेडिकल टीम ने सभी की जांच की। प्रवक्ता के अनुसार, दो यात्रियों और दो क्रू मेंबर्स को मेडिकल रूम ले जाकर जांच की गई और बाद में उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। मामले की जांच की जा रही है और संबंधित जांच एजेंसी को सूचित कर दिया गया है। इसी दिन एयर इंडिया और इंडिगो की दो अन्य फ्लाइट्स में भी तकनीकी समस्याएं सामने आईं, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। एअर इंडिया एक्सप्रेस की दिल्ली-जम्मू-श्रीनगर फ्लाइट को जम्मू एयरपोर्ट पर लैंडिंग से पहले वापस दिल्ली लाना पड़ा। यह फैसला उड़ान के दौरान संदिग्ध GPS सिग्नल गड़बड़ी की आशंका के चलते एहतियातन लिया गया। प्रवक्ता ने बताया कि यात्रियों को जम्मू पहुंचाने के लिए तुरंत दूसरा विमान भेजा गया।
एक अन्य घटना में जयपुर से दुबई जा रही एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में टेक-ऑफ से पहले कॉकपिट में तकनीकी खराबी आ गई, जिसके बाद पायलट ने फ्लाइट को रनवे से एप्रन की ओर वापस मोड़ दिया। विमान में 130 यात्री सवार थे। तकनीकी टीम ने पांच घंटे तक समस्या दूर करने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली और अंततः फ्लाइट को रद्द कर दिया गया। इसी दिन इंदौर से भुवनेश्वर जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6E 6332 में भी तकनीकी खराबी के चलते विमान को रनवे से लौटाना पड़ा। एयरबस A320 नियो विमान में 80 से अधिक यात्री सवार थे। टर्मिनल मैनेजर ने बताया कि मामूली तकनीकी खामी की वजह से विमान ढाई घंटे तक रनवे पर रुका रहा, इस दौरान यात्री विमान में ही बैठे रहे। बाद में तकनीकी सुधार के बाद फ्लाइट को रवाना कर दिया गया। इन घटनाओं के बीच नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एअर इंडिया के मुख्य बेस का ऑडिट शुरू कर दिया है, जो गुरुग्राम में स्थित है। इस ऑडिट में ऑपरेशन, फ्लाइट शिड्यूलिंग, रोस्टरिंग और अन्य व्यवस्थाओं की जांच की जा रही है। आठ सदस्यीय टीम इस विशेष ऑडिट में शामिल है, जबकि आमतौर पर तीन अधिकारियों की टीम सालाना ऑडिट करती है। DGCA ने 21 जून को एयरलाइन से फ्लाइट ऑपरेशन से जुड़ी विस्तृत जानकारी मांगी थी, जिसमें प्लांड और अनप्लांड इंस्पेक्शन, कॉकपिट और रूट निरीक्षण, स्टेशन सुविधाएं और केबिन ऑडिट शामिल हैं।