भारत द्वारा आतंकवाद के खिलाफ शुरू किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' की गूंज अब अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंच गई है। इस अभियान के उद्देश्य और इसके पीछे की मानवीय तथा सामरिक सोच को दुनिया के सामने रखने के लिए भारत सरकार ने विभिन्न देशों में प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं। इन्हीं प्रयासों के तहत पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल फिलहाल डेनमार्क दौरे पर है, जिसमें शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी भी शामिल हैं।
कोपेनहेगन से दुनिया को दिया सख्त संदेश
डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में आयोजित एक महत्वपूर्ण वैश्विक सम्मेलन में प्रियंका चतुर्वेदी ने भारत की ओर से आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक एकजुटता की पुरजोर मांग की। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अकेले नहीं लड़ सकता, इसके लिए विश्व समुदाय को भी एकजुट होकर खड़ा होना होगा।
उन्होंने अपने संबोधन में हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि भारत अब हर हमले का माकूल जवाब देने में सक्षम है। उन्होंने पाकिस्तान को खुली चेतावनी देते हुए कहा,
"अगर पाकिस्तान हमारे नागरिकों और जवानों को निशाना बनाएगा, तो भारत दस गुना ताकत से जवाब देगा। अब भारत चुप नहीं बैठेगा।"
आर्टिकल 370 और लोकतंत्र की बहाली
प्रियंका ने अपने भाषण की शुरुआत अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में आए बदलावों से की। उन्होंने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर में जनता द्वारा चुनी गई सरकार है, जो लोकतंत्र की असल तस्वीर पेश करती है।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान का हवाला देते हुए कहा,
"यह राज्य के विशेष दर्जे की मांग का नहीं, बल्कि न्याय और विकास के लिए संघर्ष का समय है।"
प्रियंका के अनुसार, अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता और शांति आई है, जो भारत की नीतियों की सफलता का प्रमाण है।
ऑपरेशन सिंदूर: शहीदों की विधवाओं को समर्पित
सम्मेलन में प्रियंका ने जब ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख किया, तो वहां उपस्थित सभी प्रतिनिधियों की नजरें ठहर गईं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक सैन्य प्रतिक्रिया नहीं थी, बल्कि यह एक मानवीय और नैतिक कदम था, जो उन महिलाओं के सम्मान में उठाया गया जिनके पतियों ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
प्रियंका ने भावुक होते हुए कहा,
"अगर तुम हमारे घर उजाड़ोगे, तो हम तुम्हारे आतंकी ठिकानों को मिटा देंगे। भारत अब किसी भी हमले का जवाब देने में देर नहीं करेगा। हम अपने देश और अपने नागरिकों की रक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे।"
IMF को भी चेताया
अपने भाषण के दौरान प्रियंका चतुर्वेदी ने IMF (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) को भी अप्रत्यक्ष रूप से आड़े हाथों लिया। उन्होंने बताया कि सम्मेलन स्थल के बाहर उन्हें कुछ पाकिस्तान समर्थक झंडे दिखाई दिए। इस पर उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि
"जो देश IMF से कर्ज ले रहे हैं, वे उस पैसे का उपयोग आतंकवाद और विरोधी गतिविधियों के प्रचार में कर रहे हैं। IMF और विश्व समुदाय को अब सोचना चाहिए कि उनके दिए गए पैसे का उपयोग कहां और कैसे हो रहा है।"
निष्कर्ष
भारत के इस वैश्विक अभियान का उद्देश्य न केवल अपने सुरक्षा हितों की रक्षा करना है, बल्कि दुनिया को यह संदेश देना भी है कि अब भारत किसी भी आतंकी हमले को हल्के में नहीं लेगा। ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य रणनीति नहीं, बल्कि सम्मान, न्याय और सुरक्षा की वैश्विक आवाज बन चुका है।
डेनमार्क से उठी प्रियंका चतुर्वेदी की यह आवाज भारत के बदले हुए रुख की प्रतीक है – एक ऐसा राष्ट्र जो अब न सिर्फ अपने हितों की रक्षा करेगा, बल्कि दुनिया को भी आतंक के खिलाफ खड़े होने के लिए प्रेरित करेगा।