मुंबई, 09 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिका के न्यूजर्सी स्थित न्यूअर्क एयरपोर्ट पर एक भारतीय छात्र के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है जहां उसे अपराधी की तरह जमीन पर गिराकर हथकड़ी पहनाई गई और फिर भारत वापस भेज दिया गया। यह पूरी घटना भारतीय मूल के अमेरिकी व्यवसायी कुणाल जैन ने सोशल मीडिया पर साझा की। उन्होंने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि एक युवा छात्र जो अपने सपनों को पूरा करने अमेरिका आया था, उसे बिना किसी स्पष्ट कारण के इस तरह अपमानित किया गया, जिससे एक प्रवासी भारतीय के तौर पर उन्हें बेहद दुख और बेबसी महसूस हुई।
घटना के दौरान छात्र हरियाणवी भाषा में चिल्ला रहा था कि वह पागल नहीं है और उसे जबरदस्ती मानसिक रोगी साबित करने की कोशिश की जा रही है। अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि छात्र को किस आधार पर डिपोर्ट किया गया। कुणाल जैन का कहना है कि रोजाना कई छात्र वीजा लेकर अमेरिका पहुंचते हैं लेकिन इमिग्रेशन अधिकारियों को उचित स्पष्टीकरण न दे पाने की स्थिति में उन्हें उसी दिन शाम की फ्लाइट से हथकड़ी लगाकर वापस भेजा जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि ऐसे मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है और यह एक चिंताजनक प्रवृत्ति बन गई है।
कुणाल जैन ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास से इस मुद्दे पर तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि किसी को इस छात्र की स्थिति और उसके साथ हो रहे व्यवहार की तह तक जाकर सच्चाई सामने लानी चाहिए।
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब अमेरिकी सरकार विदेशी छात्रों के प्रति कड़ा रुख अपना रही है। फिलिस्तीन के समर्थन, ट्रैफिक उल्लंघन और अन्य वजहों से छात्रों के वीजा रद्द किए जा रहे हैं। हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने नए स्टूडेंट वीजा इंटरव्यू पर रोक लगा दी है। इस आदेश का मकसद अमेरिका की यूनिवर्सिटियों में कथित यहूदी विरोधी गतिविधियों और वामपंथी विचारधारा को रोकना बताया गया है।
विदेश मंत्री मार्को रुबियो के आदेश के अनुसार दुनिया भर के अमेरिकी दूतावासों को निर्देश दिया गया है कि वे फिलहाल स्टूडेंट व एक्सचेंज विजिटर वीजा (F, M, J कैटेगरी) के लिए कोई नया अपॉइंटमेंट न दें। साथ ही ट्रम्प सरकार अब अमेरिका आने वाले छात्रों के सोशल मीडिया प्रोफाइल की गहन जांच की योजना बना रही है।
इसके अलावा ट्रम्प प्रशासन ने यह भी कहा है कि अगर कोई विदेशी छात्र बिना अनुमति के क्लास छोड़ता है, पढ़ाई बीच में रोकता है या कोर्स में अनियमितता दिखाता है, तो उसका वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द किया जा सकता है। अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास ने भी भारतीय छात्रों को उनकी वीजा शर्तों का पूरी तरह पालन करने की सलाह दी है ताकि किसी तरह की परेशानी से बचा जा सके।
वहीं दूसरी ओर ट्रम्प सरकार ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के साथ 850 करोड़ रुपये की मदद का एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया है, जो 28 मई 2025 को प्रभाव में आया। इससे पहले भी सरकार इस प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान की 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक सहायता रोक चुकी है।